आपन भाषा आपन संस्कृति, बचाइ सत्द नै फैलाई विकृति,, थारु भाषा के साँकृतिक संगालो हामार सक्कुजनक साझा अभियान, तब बल्ल देख्जाई सुनौलो बिहान,, आइ हात म हात मिलाकन आघ जाई संघारी