जिन्स नाहि नेहेङ्गा चोल्यामे सजाके देखैहो

मुक्तक 

कहाँ सम हेराई,थारु सस्कृति बचाके देखैहो
हुइटि थारु, पुरान पहिरनमे लगाके देखैहो 

डोसरके देखासिखि ना कर्हो हमार पलीपली
जिन्स नाहि नेहेङ्गा चोल्यामे सजाके देखैहो 

बिग्रल चुक्कु
राम कुमार डंगौरा थारु
बोक्लौहुवा ,कैलाली

साभार

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